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नवरात्र पर युवा भी रखने लगे उपवास

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। नवरात्र यानी मां दुर्गा को समर्पित वे नौ दिन जिसमें शक्ति के विविध रूपों को की पूजा की जाती है। कई श्रद्धालु नौ दिन तक उपवास रखते हैं। कई गृहस्थ लोग नवरात्र के पहले दिन और अष्टमी का व्रत रखते हैं। शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धियात्री की पूजा इस शारदीय नवरात्र में की जाती है। मां भगवती की पूजा जैसे भी करें, वह दिल से स्वीकार करती हैं। जैसे मां बच्चों से कभी नाराज नहीं होती, वैसे ही मां शक्ति अपने भक्तों से निस्वार्थ स्नेह रखती है।    

व्रत रखने से पहले
इन दिनों व्रत रखने का उत्साह देखते बनता है। क्या वृद्ध और क्या महिलाएं और क्या बच्चे, सभी व्रत रखना चाहते हैं। इसलिए व्रत रखने से पहले कुछ चीजों पर जरूर गौर करना चाहिए। अचानक उपवास रखने से व्रती को नुकसान हो सकता है। इसलिए स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। जिन्हें खाली पेट रहने में दिक्कत होती हैं, वे व्रत रखने से बचें। मधुमेह या दिल के मरीज हैं, तो अपने चिकित्सक से एक बार राय अवश्य लें। एनेमिक या कमजोर व्यक्ति उपवास न रखें। आस्था एक व्यक्तिगत भावना है। अपने सामर्थ्य अनुसार ही निर्णय करें।

युवाओं में उत्साह
पिछले एक दशक में युवाओं में उपवास रखने का चलन बढ़ा है। कई युवा देखादेखी उपवास रखते हैं तो कई यह मानते हैं कि इसी दौरान इनका वजन थोड़ा कम हो जाएगा। कई युवा भक्तिभाव से यह उपवास रखते हैं। कई युवा अपनी कुछ मनोकामना लेकर उपवास रखते हैं। उपवास एक ऐसा माध्यम है, जिससे तन और मन का विकार दूर हो जाता है। व्रत के दौरान सदाचार और परोपकार की भावना सर्वोपरि रहनी चाहिए तभी उपवास का महत्त्व होता है।

व्रत के दौरान क्या खाएं
नवरात्र में उपवास के दौरान व्रती को हल्का मगर पौष्टिक खाना खाना चाहिए। क्योंकि बार-बार अगर खाएंगे तो उपवास का मतलब क्या है? बेहतर होगा कि पानी और फलों का रस लेते रहें। व्रत का खाना एक बार ही लें। यह खाना सुपाच्य होना चाहिए। आलू, पालक, घिया, कच्चे केले की सब्जियां बनाई जा सकती हैं। कुट्टू के आटे की रोटी या पूड़ी और शामक का चावल खाया जा सकता है। रायता, चटनी और कुट्टू के आटे के पकौड़े का नाश्ता किया जा सकता है।
व्रती हर दिन आपने आहार में बदलाव करते रहें। भोजन में कई तरह के बदलाव किए जा सकते हैं। तले-भुने खाने से दूर रहें। पानी खूब पियें। कभी भी निर्जला व्रत न रखें। व्रती भोजन ऐसा हो कि स्वादिष्ट भी लगे और आसानी से पच जाए। गरिष्ठ भोजन करने से बेहतर है कि आप फल लें। फलों का रस लें। तले आलू के बजाय उबले आलू का सेवन करना ज्यादा अच्छा होगा। दूध और पनीर भी ले सकते हैं। इससे ऊर्जा बनी रहेगी।      

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