समन्वय डेस्क II
नई दिल्ली। स्त्री शक्ति के इस पर्व पर हम सब के भीतर एक उत्साह का संचार होता है। स्त्री शक्ति के नौ स्वरूपों की आराधना वाला यह त्योहार पुरुषों और स्त्रियों को भी नव संचार से भर देता है। शक्ति हमें हर चुनौतियों से मुकाबला करने का हौसला देती हैं। नवरात्रि का यह पर्व बताता है कि हमें धरती की हर स्त्री का सम्मान करना चाहिए। वे जगत जननी की ही प्रतीक है। उनसे ही यह दुनिया है। वही इसे रचती है। वह पुरुषों के सहयोग से इस कायनात को खूबसूरत बनाने का हौसला रखती हैं।
अश्रुत पूर्वा का प्रारंभ नारी शक्ति से ही हुआ। आज भी उनके मार्गदर्शन में यह वेबसाइट साहित्य के विविध रूपों और जन सरोकार को साथ रखते हुए मानवीय चेतना को जागृत करने के लिए प्रतिदिन सक्रिय है। यह भारत की पहली साहित्यिक वेबसाइट है जो हर दिन अद्यतन (अपडेट) की जाती है। जीवन के हर पहलू से परिचित कराती हुई यह साहित्य का रसास्वादन कराती भी चलती है।
हमें यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि तमाम बाधाओं और सीमित संस्धानों के बावजूद अश्रुत पूर्वा के अब 25 हजार से अधिक नियमित पाठक हैं। यह संख्या धीरे-धीरे ही सही, लेकिन बढ़ रही है। इसके अलावा हम यह बताने चाहते हैं कि अश्रुत पूर्वा अब तक 75 हजार से अधिक पाठकों तक पहुंचने में कामयाब रहा है। यानी देश के कोने कोने में कोई न कोई पाठक जरूर है जिसने अश्रुत पूर्वा को पढ़ा है।