स्वास्थ्य

पुरुषों से ज्यादा महिलाएं होती हैं अवसाद की शिकार

अश्रुत पूर्वा डेस्क II

नई दिल्ली। अवसाद यानी डिप्रेशन की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यों तो बदलती जीवन शैली और काम के दबाव तथा जीवन में नाकामियों से बढ़ती हताशा से हर दूसरा तीसरा शख्स अवसाद का शिकार हो रहा है। महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। इसके लक्षणों को पहचानें और अगर आपके आसपास कोई व्यक्ति अवसाद का शिकार है तो उसकी मदद करें।
डिप्रेशन एक मानसिक परेशानी है जिस पर प्राय: ध्यान नहीं दिया जाता है। शरीर में किसी प्रकार की चोट लगने पर, कोई परेशानी होने पर हम उसका उपचार कराते हैं, लेकिन दिमाग से जुड़ी इस स्थिति पर ध्यान नहीं देते हैं। अवसाद एक ऐसी स्थिति है जो कई तरह की परेशानियों का कारण बन सकती है। हमारे शारीरिक स्वास्थ्य की तरह मानसिक स्वास्थ्य का सही होना भी बहुत जरूरी है।
अवसाद की समस्या आज के दौर में बहुत आम हो गई है, लेकिन फिर भी कई बार लोग संकोच की वजह से इसके बारे में बात नहीं करते हैं। अवसाद के संकेत नजर आने के बाद भी अक्सर लोग इसे समझ नहीं पाते हैं। इससे यह समस्या और बढ़ती जाती है। अवसाद पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है। अवसाद के लक्षण कई बार धीरे-धीरे नजर आते हैं और समय के साथ ये खतरनाक रूप ले सकता है।
महिलाओं में अवसाद के कई कारण हो सकते हैं जिनमें जेंडर गैप, हीन भावना का आना, हार्मोन्स में बदलाव और पोस्टपार्टम डिप्रेशन शामिल है। डाइटीशियन नेहा महाजन ने अपने इंस्टाग्राम खाते पर महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षणों के बारे में बताया है। आइए इस बारे में जानते हैं।
महिलाओं में डिप्रेशन कई वजह से होता है। पीरियड्स आने के दौरान भी होता है। लेकिन अगर जरूरत से ज्यादा मूड में उतार चढ़ाव आ रहा है, किसी भी बात पर आपको चिड़चिड़ापन महसूस होता है, कभी-कभी बिना बात के भी आपको रोना आ जाता है तो आपको सचेत होने की जरूरत है।
किसी भी चीज में रुचि न होना
अवसाद होने पर आपको अपनी पसंदीदा चीजों में भी रुचि खत्म होने लगती है। अगर आपको किसी भी चीज में रुचि महसूस नहीं हो रही है, हर काम में आपकी दिलचस्पी खत्म हो रही है, अपनी फेवरेट फिल्म देखना हो, दोस्तों के साथ घूमना हो, सब कुछ आपको बेकार लगने लगा है, तो यह अवसाद का लक्षण हो सकता है।
नींद नहीं आना
अवसाद की वजह से नींद न आने की समस्या हो सकती है। अक्सर जिन महिलाओं को डिप्रेशन होता है वो रात में देर तक जागते हुए अपने बीते हुए कल या फिर अपने आज, और आने वाले कल से जुड़ी बातों को लेकर परेशान रहती है। किसी भी बात को सोचते हुए, हर गलत चीज का दोषी खुद हो ही मानना भी अवसाद का एक लक्षण है।
बेचैनी महसूस होना
अवसाद की वजह से अक्सर महिलाओं को बेचैनी भी महसूस होती है। कई बार तो एंग्जाइटी इतनी बढ़ जाती है कि उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा डिप्रेशन की वजह से हमेशा थकान भी महसूस हो सकती है।
ऐसे में क्या करें ?
अगर आपके आसपास किसी महिला में डिप्रेशन के लक्षण दिख रहे हैं तो उसे स्पेस दें। उसकी बात सुनें और समझने की कोशिश करें। अक्सर अपने दिल की बात न कह पाने, किसी ट्रॉमा या गिल्ट की वजह से भी महिलाएं अवसाद का शिकार हो जाती हैं, ऐसे में उनकी स्थिति को समझना बहुत जरूरी है। अवसाद की शिकार महिलाएं अक्सर अकेलापन महसूस करती हैं। इस वजह से उन्हें घबराहट भी होने लगती है। उन्हें भरोसा दिलाएं कि वो अकेली नहीं हैं।
उन पर चिल्लाने या गुस्सा करने के बजाय उनकी मानसिक स्थिति को समझने की कोशिश करें। अगर लक्षण ज्यादा है तो किसी मनोचिकित्सक से जरूर मिलें। इसमें संकोच करने या घबराने की कोई बात नहीं है। डिप्रेशन के मामले में होमियोपैथी का इलाज बेहतर माना जाता है। यह चिकित्सा आपको खतरनाक एलोपैथी की दवाओं से बचाती है। अपने चिकित्सक से मिलें। (स्रोत : हील इनिशिएटिव)

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