अश्रुत पूर्वा संवाद II
नई दिल्ली। आज के दौर में जहां लोगों की जीवन शैली बदली है, वहीं कामकाज का दबाव बढ़ गया है। परिवार बिखर रहे हैं। रिश्ते टूट रहे हैं। संबंधों में विश्वास नहीं रहा। महंगाई के दौर में घर चलाने की जद्दोजहद से लोगों की नींद उड़ी हुई है। इस समय बड़ी संख्या में लोग मोबाइल की लत से भी नींद खो बैठे हैं। रात दस बजे तक सोने वाले लोग अब बारह बजे तक भी नहीं सोते। दो दशक पहले तक ऐसी स्थिति नहीं थी। अब बच्चे और किशोर भी देर तक जागते हैं।
अनिद्रा में व्यक्ति को पर्याप्त और अच्छी नींद नहीं आती, जिससे रोगी को आवश्यकता अनुसार विश्राम नहीं मिल पाता और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। नींद की खराब आदतें, तनाव तथा ऐसी दशाएं लोगों की सोने-जागने की समय-सारणी को चौपट कर देती हैं। उनके कारण अनिद्रा और दिन के समय बहुत ज्यादा नींद आने की समस्या हो सकती है। फिर भी कई कारणों से विकार होता है जैसे आॅब्सट्रक्टिव स्लीप ऐप्निया या मानसिक समस्याएं। आपको जान कर अजीब लगेगा कि विटामिन डी और विटामिन ई 12 की कमी के कारण भी अनिद्रा की समस्या होती है ।
तो क्या करें ?
ऐसी दिनचर्या का पालन करें जो आपको सोने से पहले आराम करने में मदद करे। उदाहरण के लिए, कोई किताब पढ़ें। सुखदायक संगीत सुनें या गर्म स्नान करें। आपका डॉक्टर आपको आराम देने के लिए मालिश चिकित्सा, ध्यान या योग का भी सुझाव दे सकता है। एक्यूपंक्चर अनिद्रा को सुधारने में भी मदद कर सकता है, खासकर वृद्ध लोगों में। समस्या यदि काफी दिनों से हो और आराम नहीं मिल रहा हो तो होमियोपैथी की मदद ली जा सकती है।
(स्रोत : हील मीडिया)