नई दिल्ली, (अश्रुत पूर्वा)। हिंदी साहित्य में कविताओं की सुदीर्घ परम्परा रही है। अपनी काव्य रचनाओं से अनेक महाकवियों ने अखंड यश हासिल किया। सूरदास, तुलसीदास, कालिदास और कबीर से लेकर बिहारी, जयशंकर प्रसाद और निराला तक आज भी याद किए जाते हैं। मगर ये कविताएं क्यों रची गईं इस पर विमर्श का यह निष्कर्ष निकलता है कि कविताएं यश और धन पाने के लिए लिखी जाती हैं या फिर लोकमंगल के लिए। रामधारी सिंह दिनकर ने युद्ध की समस्या को लेकर कुरुक्षेत्र की रचना की और पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया।
कविताएं आज भी लिखी जा रही है। संभवत: सबसे अधिक लिखी जा रही हैं। लोकमंगल के लिए आज भी दुनिया को श्रेष्ठ कविताओं की आवश्यकता है। इस सिलसिले में दिल्ली में एक ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय अबाध कविता पाठ का आयोजन होगा। यह 31 अगस्त 2021 की सुबह दस बजे से शुरू होगा और 14 सितंबर 2021 तक चलेगा। ‘मां भारती कविता महायज्ञ’ अनवरत चलेगा। इसकी अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार डॉ हरीश नवल करेंगे।
इस कविता महायज्ञ में दुनिया के लगभग 24-25 देशों और भारत के प्रसिद्ध कवि-साहित्यकार हिस्सा लेंगे। यह विश्व में किसी भी भाषा में किया जाने वाला पहला आयोजन है। इसको विश्व कीर्तिमान के रूप में वर्ल्ड बुक ऑफ रेकार्ड में दर्ज किया जाएगा। इसके लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स. यूके से आधिकारिक प्रयास के लिए अनुमति मिल चुकी है। इस कार्यक्रम के आयोजक और मैजिक मैन एन चंद्रा के निदेशक नरेश चंद्र जोशी ने यह जानकारी दी।
अश्रुत पूर्वा II
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