मृदुला घई II
इस देश के पत्रकार हैं हम
नव युग के चित्रकार हैं हम
नये दौर के आगाज़ हैं हम
हर इन्सान की आवाज़ हैं हम
क्षण क्षण बिल्कुल तैयार हैं हम
हर इक पहर चलायमान हैं हम
आंधी बरसात धूप तैनात हैं हम
सर्दी गर्मी से अनजान हैं हम
अपने घर में मेहमान हैं हम
हर सच की पहचान हैं हम
कलम हाथ में तलवार हैं हम
उठाए कैमरा माइक इतिहासकार हैं हम
इस देश के पत्रकार हैं हम
नव युग के चित्रकार हैं हम
नये दौर के आगाज़ हैं हम
हर इन्सान की आवाज़ हैं हम
मजबूरनिर्धन के साथ हैं हम
उस प्यासे की प्यास हैं हम
हर दुख के एहसास हैं हम
टिसते दर्द के ज़ज़्बात हैं हम
गरीब केसंगरोतेहैंहम
फटी बोरी पर सोते हैं हम
बिन पंखे गर्मी सहतेहैं हम
सूखी रोटी पर रहते हैं हम
इस देश के पत्रकार हैं हम
नव युग के चित्रकार हैं हम
नये दौर के आगाज़ हैं हम
हर इन्सान की आवाज़ हैं हम
कानून व्यवस्था का झंडा हैं हम
हर मुजरिम का फ़न्दा हैं हम
हर जुर्म का हिसाब हैं हम
न्याय पाने की किताब हैं हम
बेगुनाह जन की ज़ुबान हैं हम
संघर्षी मानव के अरमान हैं हम
हर गुनहगार के दुश्मन हैं हम
उनकी गोलियों के शिकार हैं हम
इस देश के पत्रकार हैं हम
नव युग के चित्रकार हैं हम
नये दौर के आगाज़ हैं हम
हर इन्सान की आवाज़ हैं हम
हर बदलाव की आग हैं हम
जन विद्रोह का भाव हैं हम
पुलिस लाठी का निशाना हैं हम
लोक मत का अफ़साना हैं हम
हरदम आतंकवाद की मौत हैं हम
आतंकी हृदय का खौफ़ हैं हम
गोली बारुद के आदी हैं हम
जेल जेल के बाराती हैं हम
इस देश के पत्रकार हैं हम
नव युग के चित्रकार हैं हम
नये दौर के आगाज़ हैं हम
हर इन्सान की आवाज़ हैं हम
हर जंग के जंगी हैं हम
लड़ते जवानों के संगी हैं हम
हर शहीद की शहादत हैं हम
ईमानदारी सच्चाई की इबादत हैं हम
खुदज़ोखिम उठाते कफ़न हैं हम
पथराई ख्वाहिशों मे दफ़न हैं हम
हर दहशत की हार हैं हम
हर थकान से पार हैं हम
इस देश के पत्रकार हैं हम
नव युग के चित्रकार हैं हम
नये दौर के आगाज़ हैं हम
हर इन्सान की आवाज़ हैं हम
कोरोना युद्घ के सेनानी हैं हम
इस महामारी की कहानी हैं हम
सूने शहर की निगरानी हैं हम
दहकते मरघट की जुबानी हैं हम
जागरूकता के लिए कुर्बानी हैं हम
मरे साथियों की निशानी हैं हम
इस पतझड़ का विकल्प हैं हम
कोरोना नाश का संकल्प हैं हम
इस देश के पत्रकार हैं हम
नव युग के चित्रकार हैं हम
नये दौर के आगाज़ हैं हम
हर इन्सान की आवाज़ हैं हम
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