अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। अगर आपका बच्चा घर की दीवारों पर कलर पेंसिल से आरी-तिरछी लाइनें खींचता है या कोई चित्र बनाने की कोशिश करता है तो उसे मना मत कीजिए। भूल कर भी उसे डांटिए नहीं। नहीं तो अगर उसमें एक बेहतरीन कलाकार बनने की जो संभावना है, वह खत्म हो जाएगी। पुणे के सात साल के अद्वैत कोलारकर को ही लीजिए। वह इन दिनों लंदन की गैग्लियार्डी गैलरी में अगले महीने लगने वाली अपनी पहली एकल कला प्रदर्शनी के लिए कड़ी मेहनत कर कर रहा है। अगर उसकी मां ने दीवारों पर चित्र बनाने से मना किया होता तो वह आज इतना बड़ा दिन नहीं देख पाता।

बताते हैं कि इन दिनों प्रदर्शनी के लिए अपनी कलाकृतियों को अंतिम रूप दे रहे नन्हे अद्वैत ने आठ महीने की उम्र से ही पेंटिंग में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी थी। तब वह खाने में इस्तेमाल होने वाले रंगों से खेला करता था। अद्वैत की मां श्रुति ग्राफिक डिजाइनर हैं। उन्होंने बेटे की प्रतिभा को देख कर खुद उसे कैनवास थमाया। श्रुति बताती हैं कि उनके घर की दीवारों पर अद्वैत की बनाई कलाकृतियां आज भी मौजूद हैं। वे कहती हैं कि उनका बेटा इन दिनों लंदन में अपनी कला का जौहर दिखाने के लिए उत्साहित है। पेंटिंग के अलावा अद्वैत को किताबें पढ़ने का भी शौक है।
अद्वैत की कलाकृतियों की प्रदर्शनी 12 मई से गैग्लियार्डी गैलरी में लगेगी। संग्रहालय के प्रमुख पीटर गैग्लियार्डी ने कहा, अद्वैत न्यूयार्क आर्ट एक्सपो और लंदन आर्ट बिएनाले सहित दुनियाभर में हुए कार्यक्रमों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। लंदन में अद्वैत की पहली कला प्रदर्शनी की मेजबानी करते हुए उन्हें खुशी हो रही है।
गैग्लियार्डी कहती हैं कि जब अद्वैत ने बोलना सीखा था, तब रंग उनके शब्दों पर हावी हो गए। दो साल की उम्र से ही वह कैडमियम येलो को नेपल्स येलो और रॉ सिएना को बर्न सिएना से अलग करने में सक्षम थे। अब उनकी 25 से अधिक कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी। लंदन के बाद अद्वैत की कलाकृतियों की प्रदर्शनी न्यूयार्क और इटली में भी लगाई जाएंगी। (एजंसी इनपुट)
Leave a Comment