अश्रुत पूर्वा II
हर सौ साल में महामारी तबाही मचाने आती है। यह साबित हो गया है। कोरोना हमारे सामने बड़ा उदाहरण है। महामारियों का इतिहास यही है। हर सौ साल बाद नई महामारी जन्म लेती है। वैज्ञानिकों के भी कई तर्क हैं। वर्ष 1720, 1820 और 1920 में फैली महामारी के बाद 2020 में कोविड-19 ने दुनिया में तबाही मचाने आ गई। इस तरह महामारी हर सौ साल बाद मौत का तांडव दिखाने आ रही है।
वर्ष 1720 में बुबोनिक प्लेग ने पूरे विश्व में लाखों लोगों को मौत की नींद सुला दिया था। फ्रांस के मासिर्ले शहर में ही इस महामारी ने करीब एक लाख यानी उस दौरान दुनिया की 20 फीसद जनता को मौत के मुंह में धकेल दिया था। फारस और मिस्र में इस बीमारी का खासा प्रभाव देखा गया। इतिहासकारों के मुताबिक इस बीमारी से यूरोप, अफ्रीका और एशिया में सात करोड़ लोगों की मौत हुई।
भारत में इस बीमारी का प्रकोप 19वीं सदी के आखिर तक रहा और लाखों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा था। बता दें कि यह महामारी चूहों और पिस्सू से फैली थी। इस बीमारी का खौफ इतना था कि रात मे सोया स्वस्थ इंसान सुबह मृत पाया जाता था। इसे ब्लैक डेथ भी कहा गया।

1920 में स्पैनिश फ्लू आया। यह इस दौर में सबसे खतनाक विषाणु था जिसने 1919 में दुनिया की करीब एक तिहाई आबादी को हमेशा के लिए खामोश कर दिया था। यह विषाणु सबसे पहले अमेरिका, यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में फैला जिसने करीब दो करोड़ से पांच करोड़ लोगों की जिंदगी खत्म कर दी थी।
फोटो : साभार गूगल
इसी तरह सौ साल बाद 1820 में एक और भयानक महामारी द फर्स्ट कॉलरा (हैजा) के रूप में सामने आई। यह बीमारी सबसे पहले थाइलैंड, इंडोनेशिया और फिलीपींस में फैल गई। हैजा से अकेले जावा द्वीप पर एक लाख लोगों की मौत हो गई। 1910 और 1911 के बीच बीच भारत में यह महामारी मध्य पूर्व, अफ्रीका और पूर्वी यूरोप व रूस तक फैली थी जिससे आठ लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे।
हैजा विब्रियो कालेरा नाम के बैक्टीरिया से पैदा होता है। यह रोग होने पर दस्त और उल्टियां होती हैं जिससे मरीज शरीर का सारा पानी खो देता है। साफ पानी न मिलने पर मरीज की मौत कुछ देर में हो सकती है। कई साल बाद पता चला कि यह बीमारी सबसे पहले बांग्लादेश से शुरू हुई थी।
इसके बाद 1920 में स्पैनिश फ्लू आया। यह इस दौर में सबसे खतनाक विषाणु था जिसने 1919 में दुनिया की करीब एक तिहाई आबादी को हमेशा के लिए खामोश कर दिया था। यह विषाणु सबसे पहले अमेरिका, यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में फैला जिसने करीब दो करोड़ से पांच करोड़ लोगों की जिंदगी खत्म कर दी थी। यह एच 1 एन। फ्लू था, जो खांसी या छींकने से निकलने वाली महीन बूंदों के संपर्क में आने से फैलता है।
इस विषाणु ने सबसे ज्यादा स्पेन में तबाही मचाई थी। इसी वजह से इसे स्पैनिश फ्लू के नाम से जाना गया। अकेले भारत में इस महामारी से करीब दो करोड़ लोगों की जान चली गई थी। 1920 में फैली महामारी के बाद अब साल 2020 में चीन से फैले कोरोना ने अब दुनिया में तबाही मचा दी है। ( स्रोत : शोध )
Leave a Comment