अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली संस्कृति के साथ साहित्य की गतिविधियों का भी बड़ा केंद्र है। यहां आयोजित साहित्यिक और सांस्कृतिक आयोजनों का बहुत महत्व है। यहां आए दिन पुस्तकों के प्रकाशन के साथ उनकी लगातार आमद बनी रहती है। इसी कड़ी में डा. बीआर आंबेडकर की 131 जयंती पर एक नई पुस्तक- द बॉय हू रोट अ कान्स्टिट्यूशन सामने आई। इस किताब में भारत के पहले कानून मंत्री डा. आंबेडकर के संघर्षमय बचपन और युवावस्था की चुनौतियों के बारे में बच्चों को जानकारी दी गई है।
इस पुस्तक को लिखा है नाटककार और लेखक राजेश तलवार ने। उन्होंने बीआर आंबेडकर के अपने बचपन को लेकर लिखे गए संस्मरणों को आधार बनाया है। इस पुस्तक को छापा है पोनीटेल बुक्स ने। लेखक का कहना है कि उन्होंने कई वजहों से यह पुस्तक लिखी। उन्हें उम्मीद है कि बाबा साहेब के बचपन के अनुभवों के बारे में पढ़ने वाले बच्चे उनके संकल्प और बाधाओं के खिलाफ संघर्ष से प्रेरित होंगे।
राजेश तलवार ने कहा कि कम आयु में ही बच्चों में नैतिक मूल्यों को स्थापित करना महत्त्वपूर्ण है। यह न केवल बच्चों के लिए अच्छा होगा, बल्कि पूरे भारतीय समाज के लिए भी अच्छा होगा। बाबा साहेब का जन्म 1891 में महाराष्ट्र में एक दलित परिवार में हुआ। वे एक न्यायविद और अर्थशास्त्री थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई। वे दलित समुदाय के हितों के प्रबल पक्षधर थे।
अपनी इस किताब में तलवार ने बाबासाहेब के जीवन की कहानी की प्रमुख घटनाओं को एक साथ बुनने के लिए एक अनूठी युक्ति का प्रयोग किया है। राजेश तलवार की इससे पहले द वैनिशिंग आफ सुभाष बोस, गांधी, आंबेडकर, एंड द फोर लेग्ड स्कार्पियन और औरंगजेब जैसी किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। (यह प्रस्तुति एजंसियों की खबरों पर आधारित है)
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