आलेख बाल वाटिका

वैज्ञानिक जेम्स वाट जिन्होंने दी जीवन को नई रफ्तार

पूजा त्रिपाठी II

जेम्स वाट ने कहा था कि आई कैन थिंक आफ नथिंग एल्स दैन दिस मशीन… बच्चों, कहते हैं कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। आपने जेम्स वाट के बारे में पढ़ा ही होगा। जेम्स बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली बालक था। उसकी प्रतिभा को देख कर लोगों को लगता था कि आगे चल कर यह बालक कुछ नया कार्य करके सबको चकित कर देगा। वह स्वभाव से बहुत ही गंभीर था। खेल भी ऐसे खेलते जिनमें उनके स्वभाव की गंभीरता साफ झलकती थी।

जेम्स वाट का जन्म 19 जनवरी 1736 को स्कॉटलैंड में हुआ था। जेम्स की प्राथमिक शिक्षा उनके गांव में ही हुई थी। गणित विषय में उनकी विशेष रुचि थी। उनके पिता पानी के जहाज बनाने की कंपनी में कार्य करते थे। मशीनरी के प्रति उनका लगाव बचपन से ही था इसलिए वे अपने पिता के कारखाने में आकर मशीनों को गौर से देखा करते थे।

ऐसा कहा जाता है कि एक बार उनकी मां उन्हें चूल्हे के पास बैठा कर किसी कार्य में लग गई। जेम्स चूल्हे पर रखी केतली को बहुत ध्यान से देख रहे थे। उन्होंने देखा कि केतली में उबल रहे पानी की भाप से केतली का ढक्कन बार बार ऊपर उठ रहा है। उसने केतली के ढक्कन पर एक पत्थर का टुकड़ा रख दिया थोड़ी देर बाद ढक्कन ऊपर उठने लगा तब उसे लगा कि जरूर भाप (स्टीम) में कोई न कोई शक्ति है।

नई-नई चीजों को जानने का स्वभाव होने के कारण कई बार वह ऐसे प्रश्न कर देते जिनका उत्तर देना बड़े-बड़ों को मुश्किल में डाल देता। जेम्स ने भाप की ताकत पर गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया। भाप की शक्ति से संबंधित कुछ प्रयोगों से यह सिद्ध हो गया कि भाप की शक्ति से इंजन चलाए जा सकते हैं। उन्होंने अपना सारा ध्यान भाप से चलने वाले इंजनों के निर्माण में लगा दिया। उस जमाने में लाइट की व्यवस्था न होने के कारण वह रात में अपना काम चंद्रमा की रोशनी में किया करते थे।

फोटो- साभार गूगल
  • भाप की शक्ति को जेम्स वाट ने पहचाना और इसी भाप की शक्ति से रेलगाड़ियां चलने लगी थी। बच्चों, उसी तकनीक का विस्तार होते होते आज दुनिया भर की मशीनरी, रेलगाड़ियां, हवाई जहाज और तमाम कल कारखाने तीव्र गति से चल रहे हैं।

इंजन बनाने के बाद उनके सामने एक नई चुनौती आई कि भाप को नियंत्रित कैसे किया जाए उन्होंने सोचा कि अगर भाप की गति को नियंत्रित करने का कोई उपाय हो सके तो इंजन को उपयोगी बनाया जा सकता है। उन्होंने भाप की गति को नियंत्रित करने के लिए शोध करने शुरू कर दिए और अंत में सेंट्रीफ्यूगल गवर्नर नामक यंत्र बना कर इस समस्या का समाधान खोज निकाला। अब जेम्स वाट का भाप से चलने वाला इंजन इतना शक्तिशाली हो गया कि तरह तरह की मशीनें जेम्स के बनाए भाप के इंजन से चलने लगीं।

जेम्स वाट ने स्टीम इंजन का आविष्कार कर दुनिया में औद्योगिक क्रांति ला दी। ब्रिटेन की कपड़ा मिलें इसी इंजन की सहायता से चलने लगीं। जेम्स वाट ने अपने इस इंजन का पेटेंट करवा भी करवा लिया। जेम्स वाट ने अपने बिजनेस पार्टनर वाल्टन के साथ मिल कर वाल्टन एंड वाट कंपनी की स्थापना करके इंजनों को बेचना शुरू कर दिया।

बच्चों क्या आप जानते हैं कि बिजली मापने की इकाई वाट का नाम जेम्स वाट के सम्मान में ही रखा गया था। इंजन की पावर को हॉर्स में मापा जाता है जिसको हॉर्स पावर नाम जेम्स वाट ने ही दिया था।

पच्चीस अगस्त 1819 को इस महान आविष्कारक का निधन हो गया।

About the author

पूजा त्रिपाठी

पूजा त्रिपाठी सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर में एम.ए. की छात्रा हैं और साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहीं हैं । पूजा इन दिनों स्वतंत्र लेखन कर रहीं हैं ।

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