स्वास्थ्य

सर्दियों में सहेज कर रखिए अपना दिल

डॉ. एके अरुण II

सर्दियों के मौसम में दिल की बीमारी की संभावना दूसरे मौसम की अपेक्षा कई गुना बढ़ जाती है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ठंड में हृदय को शरीर को गर्म रखने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है ।
हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा तब आता है जब हृदय को ब्लड पहुंचाने वाली कोशिकाओं में चर्बी (कोलेस्ट्रॉल) बढ़ने लगता है और इससे खून का प्रवाह प्रवाहित होने लगता है। चर्बी या प्लाक अधिक जमा होने से ब्लड कोशिकाएं बंद हो जाती हैं और हृदय को पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। वैसे तो दिल का दौरा किसी भी मौसम में पड़ सकता है लेकिन ऐसा देखा गया है कि सर्दियों में यह समस्या अधिक होती है।

थकान और नींद में गड़बड़ी हो सकती है हार्ट अटैक का संकेत

हृदयघात (हार्ट अटैक) के दौरान थकान और नींद में गड़बड़ी दो सबसे सामान्य संकेत होते हैं जो लगभग हर संबंधित व्यक्ति महसूस करता है। इसके अलावा व्यक्ति में सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी, चिपचिपाहट वाला पसीना आना, चक्कर और मतली आना दिल के दौरे से पहले अनुभव किए जाने वाले कुछ प्रमुख लक्षण हैं।

इससे बचाव के लिए उपाय

1. तनाव कम लें,
2 नियमित सैर व व्यायाम करें,
3. बैड कोलेस्ट्रॉल कम करें,
4. खाने में तेल और घी का कम इस्तेमाल करें
और पांचवां, अपने वजन को नियंत्रण में रखें।

अगर आप नियमित रूप से भुना हुआ लहसुन खाते हैं तो ये आपकी रक्त धमनियों में बनने वाली ब्लॉकेज को दूर कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है। तो सर्दियों में दिल को संभालिए और सुरक्षित रहिए।
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*लेखक देश के जाने-माने जन स्वास्थ्य विज्ञानी है। यहां लेखक के सुझाव हैं।

About the author

AK Arun

डॉ. एके अरुण देश के प्रख्यात जन स्वास्थ्य विज्ञानी हैं। वे कई पुस्तकों के लेखक और संपादक हैं। साथ ही परोपकारी चिकित्सक भी। वे स्वयंसेवी संगठन ‘हील’ के माध्यम से असहाय मरीजों का निशुल्क उपचार कर रहे हैं। डॉ. अरुण जटिल रोगों का कुशलता से उपचार करते हैं। पिछले 31 साल में उन्होंने हजारों मरीजों का उपचार किया है। यह सिलसिला आज भी जारी है। कोरोना काल में उन्होंने सैकड़ों मरीजों की जान बचाई है।
संप्रति- डॉ. अरुण दिल्ली होम्योपैथी बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं।

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