स्वास्थ्य

शीतल पेय नहीं, फलों का रस पीजिए गर्मियों में

अश्रुतपूर्वा II

फागुन आ गया है। गर्मी दस्तक दे रही है। तापमान बढ़ते ही पेय पदार्थों की मांग बढ़ने लगती है। शीतल पेय की बोतलों से दुकानें सज जाती हैं। मगर तथ्य यह है कि ज्यादातर पेय पदार्थ सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। इनको पीने से भूख खत्म हो जाती है। मोटापा बढ़ने का भी खतरा होता है। गर्मियों में अगर सेहतमंद पेय पदार्थ की बात करें तो ताजे फल और सब्जियों के जूस अपकी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं।  गर्मियों में नारियल पानी, गन्ने का रस, आम का पना, मौसमी और बेल के रस के अलावा नींबू पानी खूब पिया जाता है।
भारत में मौसम के अनुसार फलों के रस की मांग रहती है। सर्दियों में जहां लोग गाजर और चुकंदर का रस पीते हैं, वहीं गर्मियों में ताजे फल संतरा, मौसमी, आम और तरबूज वगैरह के रस की मांग रहती है। शरीर को जूस पचाने में कम समय लगता है। इसमें मौजूद मिनरल्स और विटामिन आसानी से खून में घुल जाते हैं। ताजे फलों के रस में मौजूद विटामिन, हमारे शरीर में एंजाइम को सक्रिय करते हैं।

मौसम के अनुकूल रस
हम सभी जानते हैं कि मौसम के अनुसार मिलने वाले फलों के रस की मांग होती है। अप्रैल से लेकर नवंबर तक नींबू पानी की मांग ज्यादा होती है। नींबू के अलावा लीची और तरबूज की भी मांग रहती है। अमरूद, अनार, आम और गन्ने के रस से भी लोग गर्मियों में अपने-आप को तरोताजा करते हैं।
गर्मियों में मिलने वाला संतरा मौैसम की तपिश से राहत देने के साथ ऊर्जा भी प्रदान करता है। गर्मियों में भूख से ज्यादा प्यास लगती है। इसलिए तरबूज और अनानास की मांग सबसे ज्यादा होती है। तरबूज स्वास्थ्य के हिसाब से बेहद लाभदायक होता है। इसमें सिर्फ पानी होता है जो गर्मियों में शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है। आम के रस की मांग भी गर्मियों में अधिक रहती है।

कामकाजी महिलाएं क्या करें-
भागती-दौड़ती जिंदगी में जहां महिलाओं के पास अब फल तक खाने की फुर्सत नहींं है। ऐसे में फलों से रस निकालना उनके लिए बेहद मुश्किल होता है। खासकर कामकाजी महिलाओं के पास एक ही विकल्प होता है-
डिब्बाबंद फलों का रस। अचानक कोई मेहमान अ जाए या घर में कोई मांग कर बैठे तो फलों के रस के डिब्बे हाजिर रहते हैं। कुछ न हो तो नींबू पानी तो बनाया ही जा सकता है। इन दिनों डिब्बे में बंद कई फलों के रस उपलब्ध हैं। कई रेस्तरां और बार में डिब्बाबंद जूस से काकटेल बनाया जाता है। अब तो आप अमरूद, क्रेनबेरी, स्ट्राबेरी और लीची के जूस भी खरीद सकते हैं।

फलों के रस के फायदे
फलों के रस बीमारी फैलाने वाले कारक से लड़ते हैं। खूबानी तनाव, बेचैनी, अवसाद को कम करने में मदद करते हैं। बेल से तैयार शर्बत शरीर को ऊर्जा प्रदान कर पाचन तंत्र सही रखता है।
गले में इंफेक्शन को रसभरी का जूस दूर करता है। अगर आप बहुत थका हुआ महसूस कर रहे हैं तो सेब, संतरा, गाजर और चुकंदर का रस आपको राहत देगा। अनानास, पुदीना और नींबू पानी आपको पैरों में होने वाले दर्द से आराम देगा।  टमाटर, गाजर, धनिया और ब्रेकली का जूस दिमाग को ठंडा रख कर आपके रक्तचाप को नियंत्रित करता है। पाचन-क्रिया को सही रखने के लिए आप सेब, चुकंदर अदरख और गाजर के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं।

जब बनाएं जूस-
रस निकालने से पहले फलों को अच्छी तरह धोकर छिलके उतार दें। बीज जरूर निकालें। वरना यह कड़वा लगेगा।
आप जूस में भूना जीरा, काला नमक और नींबू का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जूस बनाने के बाद तुरंत पी लें, नहीं तो उसमें मौजूद तत्व खत्म होने लगते हैं।
फलों का रस निकालने वाली मशीन को हमेशा साफ रखें। प्रयोग में लाने से पहले धो-पोंछ कर सफाई जरूर कर लें।

गर्मियों में मिलने वाला संतरा मौैसम की तपिश से राहत देने के साथ ऊर्जा भी प्रदान करता है। गर्मियों में भूख से ज्यादा प्यास लगती है। इसलिए तरबूज और अनानास की मांग सबसे ज्यादा होती है। तरबूज स्वास्थ्य के हिसाब से बेहद लाभदायक होता है।

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