धरोहर

सैलानियों को बुलातीं कुल्लू मनाली की हरी-भरी घाटियां

अश्रुत पूर्वा II

दिल्ली से 540 किलोमीटर दूर है मनाली। इसका नाम मानवलय के नाम पर पड़ा है जो मनु का निवास स्थान था। एक किंवदंती के अनुसार मनु एकमात्र प्राणी था जो महाप्रलय से बच गया था। मगर उस प्रलय के बाद भी मनाली की खूबसूरती आज भी वैसी ही है। एक तरफ हिमालय की सुंदर पहाड़ियां, दूसरी तरफ शहर के बीच बहती नदी, हरी-भरी घाटियां, घुमावदार मैदान और यहां का पारंपरिक संगीत। यह सब सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
यहां की संस्कृति के रंग कुल्लू मनाली के मंदिरों, अनूठे गांवों, वहां के लोगों के पहनावे, त्योहार का माहौल और शिल्पकला, ये सब यहां के खास आकर्षण हैं। इन सब को देखने लोग दूर-दूर से लोग आते हैं। कुल्लू की ट्रेकिंग और बर्फ पर स्कीइंग का मजा ही कुछ और है। यहां की घाटियों के अद्भुत सौंदर्य के कारण इन्हें देवताओं की घाटी का भी नाम दिया गया है। मनाली जीप सफारी और रिवर राफ्ंिटग का आनंद लिया जा सकता है। बहुत सारी एडवेंचर कंपनियां यहां पर रिवर राफ्ंिटग कराती हैं। मनाली से 13 किलोमीटर दूर सोलंग घाटी में पैराग्लाइडिंग का आनंद लिया जा सकता है।
बसंत ऋतु में लगने वाला यहां का दशहरा मेला पूरे भारत में मशहूर है। एक महीने तक चलने वाला यह दशहरा कुल्लू की संस्कृति की झांकी है। भगवान रघुनाथ, हिडिंबा जैसे देवी-देवताओं की पूजा इन दिनों होती है। लोग नाचते गाते भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं। दशहरा के नौवें दिन यहां देवता दरबार लगाया जाता है। दसवें दिन रावण के पुतले का दहन होता है। और यह उत्सव हमेशा के लिए मन में अमिट छाप छोड़ देता है।
मनाली से 46 किलोमीटर दूर है रानी नाला, जहां पूरे साल आप बर्फ का आनंद ले सकते हैं। छह किलोमीटर की दूरी पर शिकारे के रूप में शिव मंदिर बना है। भीम की पत्नी हिडिंबा की याद में यहां मंदिर बनाया गया है जहां मई में मेला लगता है।
कुल्लू-मनाली दिल्ली से 570 किलोमीटर दूर, चंडीगढ़ से 310 किलोमीटर और शिमला से 265 किलोमीटर दूर है। यह 6270 फीट की ऊंचाई पर बसा है। चंडीगढ़ और शिमला तक ट्रेन की सुविधा होने से लोग मनाली आसानी से पहुंच जाते हैं। कुल्लू से दस किलोमीटर दूर और मनाली से 50 किलोमीटर दूर भूंटार में हवाईअड्डा है। आप चाहें तो दिल्ली या चंडीगढ़ से लग्जरी बस से भी यहां आ सकते हैं।
कुल्लू मनाली में गर्मियों का तापमान 26 गिग्री और सर्दी में 12 डिग्री रहता है। यही वजह है कि पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं। कुल्लू मनाली जाने का सबसे बढ़िया समय है अप्रैल से सितंबर। इस दौरान आप हल्के ऊनी कपड़े से काम चला सकते हैं। मगर अक्तूबर से मार्च तक भारी-भरकम कपड़ों की जरूरत पड़ती है क्योंकि तब यहां ठंड बढ़ जाती है।  

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