पुस्तक

लेखिका लीना नंदन की पुस्तक (हू आर दीज पीपुल) पर परिचर्चा

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। इन दिनों एक किताब (हू आर दीज पीपुल) अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों में लोकप्रिय हो रही है। यह पुस्तक है वरिष्ठ आईएएस अधिकारी लीना नंदन की। वे केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय की सचिव हैं। उनकी यह किताब सिविल सेवा अधिकरियों के जीवन और समय पर काल्पनिक रचना है। पिछले दिनों दिल्ली में इस चर्चित पुस्तक पर परिचर्चा आयोजित की गई। लीना नंदन उत्तर प्रदेश कैडर से 1987 बैच की आईएएस हैं। उनमें लिखने का शौक है और वह पहले भी दो किताबें लिख चुकी हैं।
पुस्तक पर चर्चा और अनावरण समारोह की अध्यक्षता जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने की। इस मौके पर पूर्व नौकरशाह गौरी सिंह, एसएम सहाय, जगमोहन गुप्ता और संदीप दवे उपस्थित थे। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित परिचर्चा में अमिताभ कांत ने कहा कि यह पुस्तक रहस्य से भरपूर है। इसमें पाठक को बांधे रखने की क्षमता है। जो भी इस किताब को उठाएगा वह इसे पढ़े बिना नहीं रखेगा। इस किताब में पात्र ऊर्जावान हैं और नौकरशाही से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि इन पात्रों को कहानी में अद्भुत तरीके से पिरोया गया है।
परिचर्चा में उपस्थित लेखिका लीना नंदन ने कहा कि  उन्हें किताब लिखना शुरू करने में काफी साल लग गए। उन्होंने कहा कि यूपी और केंद्र में विभिन्न कार्यभारों के उतार-चढ़ाव के दौरान, मैं हमेशा पढ़ने और लिखने के लिए क्षणों की तलाश में रहती हूं। लिखने के प्रति मेरा जुनून आपके हाथों में है। इस मौके पर गौरी सिंह, एसएम सहाय, जगमोहन गुप्ता और संदीप दवे ने इस पुस्तक पर चर्चा की।    
लीना नंदन की पुस्तक का कथानक देश के भीतर और विदेशी भूमि से राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा रची जा रही आतंकी योजना के बारे में बताता है। इस कहानी में एक बैच के सिविल सेवा अधिकारी अपने प्रशिक्षण संस्थान मसूरी अकादमी में एक दशक के बाद बैच रीयूनियन कर रहे हैं। दोस्तों के बीच उम्मीद और उत्साह का माहौल है, जिनमें से कई तो इस दस साल के दौरान एक दूसरे से संपर्क खो चुके थे। पुस्तक इन दिनों चर्चा में है।

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