लेखक परिचय/ कवि परिचय

एक याद केदार बाबू की

फोटो साभार-गूगल

अश्रुत पूर्वा II

. केदारनाथ सिंह अज्ञेय द्वारा संपादित तीसरा सप्तक के कवि रहे हैं।
. इनका का जन्म सात जुलाई, 1934 को चकिया गांव, बलिया जिला, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
. मृत्यु 19 मार्च, 2020 को नई दिल्ली में हुई।
. इन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से 1956 में हिंदी में एमए और 1964 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
. केदारनाथ जी थोड़े समय तक गोरखपुर में हिंदी के प्राध्यापक रहे।
. बाद में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा केंद्र में बतौर आचार्य और अध्यक्ष के पद पर काम किया था।

केदारनाथ सिंह का कृतित्व
कविता संग्रह
. अभी बिल्कुल अभी (1960)
. जमीन पक रही है (1980)
. यहाँ से देखो (1983)
. अकाल में सारस (1988)
. उत्तर कबीर और अन्य कविताएं (1995)
. बाघ (1996)
. तालस्ताय और साइकिल (2005)
. सृष्टि पर पहरा (2014)

आलोचना
. कल्पना और छायावाद
. आधुनिक हिंदी कविता में बिंबविधान
. मेरे समय के शब्द
. मेरे साक्षात्कार

संपादन
. ताना-बाना (आधुनिक भारतीय कविता से एक चयन)
. समकालीन रूसी कविताएं
. कविता दशक
. साखी (अनियतकालिक पत्रिका)
. शब्द (अनियतकालिक पत्रिका)

केदारनाथ सिंह को अब तक मिले पुरस्कार
. 1989 में कविता संग्रह ‘अकाल में सारस’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
. इसके अलावा केदारजी को ‘व्यास सम्मान’, मध्य प्रदेश का ‘मैथिलीशरण गुप्त सम्मान’, उत्तर प्रदेश का ‘भारत-भारती सम्मान’, बिहार का ‘दिनकर सम्मान’ तथा केरल का ‘कुमार आशान सम्मान’ मिला।
. वर्ष 2013 में प्रतिष्ठित ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
. ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले केदारनाथ सिंह हिंदी के दसवें साहित्यकार थे।

प्रस्तुति- जितेंद्र कुमार

About the author

Ashrut Purva

Leave a Comment

error: Content is protected !!