अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। भारत में अलग-अलग दौर के 15 गुमनाम नायक और नायिकाओं के साहस और बहादुरी की कहानियां आई हैं। पाठक इसे पढ़ सकते हैं। इसे लिखा है इतिहासकार विक्रम संपत ने। उनकी यह नई किताब इन दिनों चर्चा में है। किताब का नाम है-ब्रेवहार्ट्स आफ भारत : विगनेट्स फ्रॉम इंडियन हिस्ट्री। यह किताब उन नायकों की कहानियां बताती है, जिन्होंने अपनी परंपरा और संस्कृति को बरकरार रखने के लिए संघर्ष किया। इसका प्रकाशन पेंगुइन इंडिया ने किया है।
इस किताब में जिन बहादुर नायक-नायिकाओं को शामिल किया गया है, उनमें राजर्षि भाग्यचंद्र जय सिंह (मणिपुर), ललित आदित्य (कश्मीर), चांद बीबी (अहमदनगर) और लचित बरफुकन (असम) प्रमुख रूप से शामिल हैं।
यह किताब उन नायकों की कहानियां बताती है, जिन्होंने अपनी परंपरा और संस्कृति को बरकरार रखने के लिए संघर्ष किया। ये वो लोग हैं जो बेखौफ होकर युद्ध के मैदान में कूद गए। यही नहीं उन्होंने विपरीत हालात में भी उम्मीद की लौ को जलाए रखा।
इसमें बेगम हजरत महल (अवध), रानी अबक्का चौटा (उल्लाल), मार्तंड वर्मा (त्रावणकोर), रानी रुद्रमा देवी (वारंगल), रानी नायकी देवी (गुजरात) और बंदा सिंह बहादुर के बारे में भी बात की गई है। ये वो लोग हैं जो बेखौफ होकर युद्ध के मैदान में कूद गए। यही नहीं उन्होंने विपरीत हालात में भी उम्मीद की लौ को जलाए रखा।
लेखक और इतिहासकार विक्रम संपत का कहना कि भारतीय इतिहास लेखन की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि इसका झुकाव दिल्ली की ओर ज्यादा है। ऐसा ही इतिहास देश की आने वाली पीढ़ियों को स्कूलों और कॉलेज में पढ़ाया जाता है।