अश्रुतपूर्वा II
- चाणक्य कहते हैं-
- कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे पूछिए, मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूं? इसका क्या परिणाम होगा? क्या मैं सफल रहूंगा?
- भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आए तो, इस पर हमला कर दो। यानी भय से भागो मत। इसका सामना करो।
- दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुंदरता है।
- काम को पूरा करो, परिणाम से मत डरो।
- सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज होता है, पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है।
- ईश्वर चित्र में नहीं, चरित्र में बसता है। अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ।
- व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है, जन्म से नहीं।
- अज्ञानी के लिए किताबें और अंधे के लिए दर्पण एक सामान उपयोगी है।
- शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य दोनों ही कमजोर है।
- दूसरों की गलतियों से सीखो। अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ेगी।