बाल वाटिका हितोपदेश

भय से भागो मत, इसका सामना करो

चाणक्य भारत के उन महान विद्वानों में से एक हैं, जिनका एक-एक वाक्य एक बड़ी नसीहत देता है। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में भी दुनिया भर में विख्यात हुए। चाणक्य ने जो नीतियां बनार्र्इं या जो सिद्धांत बनाए हैं, अगर उन पर अमल किया जाए तो मनुष्य का जीवन बेहतर हो सकता है।

अश्रुतपूर्वा II

  • चाणक्य कहते हैं-
  • कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे पूछिए, मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूं? इसका क्या परिणाम होगा? क्या मैं सफल रहूंगा?
  • भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आए तो, इस पर हमला कर दो। यानी भय से भागो मत। इसका सामना करो।
  • दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुंदरता है।
  • काम को पूरा करो, परिणाम से मत डरो।
  • सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज होता है, पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है।
  • ईश्वर चित्र में नहीं, चरित्र में बसता है। अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ।
  • व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है, जन्म से नहीं।
  • अज्ञानी के लिए किताबें और अंधे के लिए दर्पण एक सामान उपयोगी है।
  • शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य दोनों ही कमजोर है।
  • दूसरों की गलतियों से सीखो। अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ेगी।

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ashrutpurva

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