अश्रुतपूर्वा II
करीब 1,927 मीटर में फैला यह कस्बा सुंदर गलियों, बाग-बगीचा, गिरजाघरों और बंगलों से भरा पड़ा है। शिमला से 77 किलोमीटर दूर छोटा सा शहर है कसौली। कसौली देखने में तो बहुत छोटा है पर है बहुत खूबसूरत। इसकी चोटी को मंकी प्वाइंट कहा जाता है। यहां भगवान हनुमान का मंदिर बना हुआ है। सतलज नदी के ऊपर मंकी प्वाइंट से कसौली का सुंदर नजारा दिखाई देता है।
इसके अलावा कसौली में दो गिरजाघर दर्शनीय है। पहला बैपटिस्ट चर्च जिसे 1922 से पहले बनाया गया था और दूसरा क्रिस्ट चर्च। आप कसौली में कृष्ण भवन मंदिर देख सकते हैं। इसका निर्माण 1926 में किया गया था। एक समय में ब्रिटिश यहां के शासक थे पर जब वे यहां से गए तो कसौली में देखने लायक काफी कुछ बनवा कर गए थे। जैसे हरे-भरे बाग, सुंदर बड़े बंगले और गिरजाघर।
कसौली के आसपास काफी जगह घूमने की है। जैसे-सबैशु। यह जगह काफी अच्छी है। यहां गोरखा किला भी है। दूसरा है धरमपुर। यहां तपेदिक के मरीजों के लिए बड़ा अस्पताल भी है।
कैसे जाएं- कसौली से सबसे नजदीक चंडीगढ़ का हवाई अड्डा है। यह यहां से सिर्फ 61 किलोमीटर दूर है। यहां से बसें और टैक्सियां कसौली जाती हैं। कसौली से 40 मीटर की दूरी पर है कालका। यहां से भी बसें और टैक्सियां आती-जाती हैं। इन सबके अलावा कसौली कई उत्तरी शहरों से सड़क से जुड़ी हैं। जैसे शिमला, चंडीगढ़ और दिल्ली। जहां से बसों का आना-जाना लगा रहता है।
कब जाएं- कसौली जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम है अप्रैल से नवंबर। इस वक्त यहां का मौसम अच्छा होता है। तब ज्यादा ठंड नहीं होती। मई और जून में यहां का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस होता है। वहीं जनवरी और फरवरी में दस डिग्री तापमान रहता है।
कसौली ज्यादा मशहूर नहीं है। इसलिए यहां खर्चा भी ज्यादा नहीं है। ज्यादातर रिजार्ट और होटल आफ सीजन में भारी छूट देते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग यहां आएं और कसौली की हरी-भरी वादियों में खो जाएं। यह सच है कि चंडीगढ़ और शिमला घूमने आए पर्यटकों में से कई प्रकृति प्रेमी यहां अवश्य आते हैं। यहां के दृश्यों को अपनी यादों को सहेज कर रखते हैं।
कसौली जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम है अप्रैल से नवंबर। इस वक्त यहां का मौसम अच्छा होता है। तब ज्यादा ठंड नहीं होती। मई जून में यहां का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस होता है।