सांवरमल अग्रवाल II
मीनू बोली चीनू से,
चलो विद्यालय हो आएं,
आज सरस्वती पूजा है,
मां का वंदन कर आएं।
चहक उठी चीनू ये सुन कर,
मन में उसके उल्लास भरा,
पहन कर मम्मी की साड़ी,
खुशियों का सैलाब झरा।
पहुंची विद्यालय मीनू चीनू,
मां सरस्वती का ध्यान किया,
अपनी सखी-सहेलियों संग,
मां का मंगलगान किया।
हमें इम्तहान में करना पास,
हम बालक तेरे नन्हें,
लगाऊंगी भोग लड्डू का,
पूरे करना हमारे सब सपने।
दे विद्या का वरदान मां,
तेरी शरण हम आएं हैं,
सुरों में पारंगत करना हमें,
स्वरों से महफिल सजाएं हैं।