लिली मित्रा II
’20 अगस्त – विश्व मच्छर दिवस ‘
मस्खरी नही मार रहे, चाहे तो गूगलवा टटोल लिजिएगा विविधभारती समाचार में सुने हैं । इन अतिताइयों के लिए भी एक दिवस बना दिया गया है ,अरे ‘हैप्पी माॅस्कीटो डे’ बोलने के लिए नहीं! पता चला हमारी पोस्ट से सूचना पाकर आप लोग फेसबुक, वाट्सप्प पर मच्छरों के सुंदर-सुंदर चित्रों पर बधाई एवं शुभकामना संदेश लिख लिख कर देने लग गए और परिणाम ये हुआ के मच्छर गैंग का मनोबल आसमान छूने लग गया । मारे खुशी के मच्छर गैंग पार्टी मनाने लगे और बतौर पार्टी-फूड हमारे मेहनत से बनाए रक्त की cocktail mocktail चलाई जाए दे दनादन.. इन अतिताइयों के अत्याचार का अंत करने के लिए कोई भी क्रांति फिर काम ना आएगी । हम तो खबरदार कर देना चाह रहें कि -‘ हैप्पी मछरवा डे’ बोल कर इनका मनोबल नहीं बढ़ाना है बल्कि कुछ आवश्यक सावधानियाँ बरतनी हैं –
1- घर पर कहीं पानी जमा मत होने दीजिएगा। बरसात के बाद मच्छरों का तेजी से पनपना इन्ही जलभराव में हो जाता है।
2- कूलर की टंकी में पानी ना फेंका हो तो फेंक दीजिएगा।
3- मनीप्लांट पानी में लगाएँ हो तो जल्दी जल्दी पानी बदलते रहिएगा।
4- सार्वजनिक स्थलों,पार्क आदि जाते हों तो हाथ और पैर कवर्ड रखने वाले परिधान खुद भी पहने बच्चों को भी पहनाएँ।
5- बगीचों आवासीय परिसरों में नियमित fogging करवाते रहें।
और हाँ ये मच्छरनाशक स्प्रे,अगरबत्तियाँ ,क्रीम आदि चीज़ों को हज़म करने की क्षमता इन दुष्टों ने हासिल कर ली है। इसलिए पुरातन परंपरा अपनाइए ,मच्छरदानियों के प्रयोग की आदत डालिए।
अंत में एक बात और बताएं ..
मच्छरदानी के भीतर बैठकर मछरवा लोगन के मुहँ बिरावै में बहुतै मजा आवत है, टिराई करके देखिएगा
तो सभी को लिलीदास जी की तरफ से-“हैप्पी मछरवा डे’ !!
Leave a Comment