अश्रुत पूर्वा II
जीवन में जैसे कोई चीज स्थायी नहीं है, वैसे ही प्रकृति में भी कई चीजें बदलती रहती हैं। फूल मुरझाते हैं तो नए फूल खिलते हैं। नई कोंपलें आती हैं। नए पौधे फिर से पौधे बनते हैं। यही हाल धरती और अंतरिक्ष का है। कहा जाता है कि एक दिन धरती भी खत्म हो जाएगी। सूरज की किरणें मद्धम पड़ जाएंगी। ब्रह्मांड से तारे लुप्त हो जाएंगे। हम सुनते हैं कि कोई तारा टूट रहा है। यों उसे देखना शुभ कहा जाता है। मगर कोई तारा दम तोड़ रहा हो तो? यानी कुछ भी हमेशा नहीं रहता। यह ब्रह्मांड का भी सत्य है।
बच्चों कुछ ऐसी खबर आई है कि यह आप को हैरत में डाल देगी। आप जानते है कि आकाश में सबसे चमकता सितारा है बेटेलगेस। यह ओरियन के कंधे पर चमकता सबसे बड़ा लाल तारा है। 2019 के आखिर में इस विशाल तारे को पहले के मुकाबले कम चमकीला पाया गया है। उसके धुंधले होने की कोेई वजह खगोलविदें को समझ में नहीं आई है। लेकिन बेटेलगेस अपने जीवन के अंतिम दौर में है। यह उसके दम तोड़ने से पहले की हालत है।
- बच्चों, आसमान में सबसे चकीले तारे की मौत होना अंतरिक्ष सबसे बड़ी घटना है। इसे बरसों याद किया जाएगा। खगोलविदों को भी पता है कि देर-सवेर इस तारे की मौत हो जाएगी। मगर अभी किसी को नहीं मालूम कि यह तारा किस दिन गुम हो जाएगा।
हम बता दें कि बेटेलगेस इस सदी के सबसे बड़े खगोलीय रहस्यों में से एक है। अब वह ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहा है। यह चिंता का विषय है। एक नए शोध से पता है कि 2019 में बेटेलगेस संभवत: एक विशाल सतह द्रव्यमान इजेक्शन (एसएमई) से गुजरा था। यह एसएमई तब होता है जब कोई तारा बड़ी मात्रा में प्लाज्मा और चुंबकीय प्रवाह को अपने आसपास से निष्कासित कर देता है। वैसे कोई नहीं जानता कि इस एसएमई का कारण क्या है? यों यह आशंका जताई जा रही है कि बेटेलगेस ने अपनी सतह का बड़ हिस्सा खो दिया है।
यह अब तक की सबसे बड़ी घटना है। सबसे खास बात ये है कि बेटेलगेस ने दूसरे तारों कीअपेक्षा चार सौ अरब गुना ज्यादा द्रव्यमान निकाला। यह अविश्वसनीय गति से धकेले गए चंद्रमा के द्रव्यमान से कई गुना ज्यादा है। आसमान में सबसे चमकीले तारे की मौत होना अंतरिक्ष की सबसे बड़ी घटना है। इसे बरसों याद किया जाएगा। खगोलविदों को भी पता है कि देर-सवेर इस तारे की मौत हो जाएगी। मगर अभी किसी को नहीं मालूम कि यह तारा किस दिन गुम हो जाएगा।
बच्चों, आसमान में सितारे अलग-अलग आकारों में पैदा होते हैं। कुछ छोटे से शुरू होकर बड़े होते हैं तो कुछ बड़े आकार के पैदा होते हैं। बेटेलगेस एक विशालकाय तारा है। यह छोटा था मगर समय के साथ बड़ा होता चला गया। ऐसा खगोलविदों का मानना है। वैसे आकाशगंगा में कई तारों का पहले भी अंत हुआ है। मगर वे हमसे काफी दूर थे। मगर यह संयोग की बात है कि बेटेलगेस से हमें एक तारे की धीरे-धीरे हो रही मौैत के बारे में जानने को मिल रहा है। यह बड़ी खगोलीय घटना है।