अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। चर्चित लेखक अमीष त्रिपाठी की एक बहुप्रतीक्षित किताबजल्द ही उनके प्रशंसकों को पढ़ने के लिए मिलेगी। उनकी रामचंद्र शृंखला के अंतर्गत चौथी किताब वार आफ लंका प्रकाशित हो गई है। इसका विमोचन राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया। प्रकाशक हार्परकोलिंस इंडिया ने पिछले दिनों यह जानकारी दी।
यह किताब अमीष की पहली तीन पुस्तकों – राम : साइअन आफ इक्ष्वाकु, सीता : साइअन आफ मिथिला, और रावण: एनमी आफ आर्यावर्त के समांतर बहु-रेखीय कथनों को एक ही कथा में मिलाती है। इस लिहाज से यह पुस्तक रोचक होगी। अमीश बेस्टसेलर लेखक हैं। वे शिवा ट्राइलोजी लिख कर विख्यात हो गए थे। उनकी किताबों की अब तक 60 लाख प्रतियां बिक चुकी हैं।
यह किताब अमीष की पहली तीन पुस्तकों – राम : साइअन आफ इक्ष्वाकु, सीता : साइअन आफ मिथिला, और रावण: एनमी आफ आर्यावर्त के समांतर बहु-रेखीय कथनों को एक ही कथा में मिलाती है। इस लिहाज से यह पुस्तक रोचक होगी।
लेखक अमीष का कहना है कि रामचंद्र शृंखला के पाठकों के लिए चौथी किताब लाकर उन्हें बेहद खुशी हो रही है। रामचंद्र श्रृंखला की पहली तीन किताबें बहुरेखीय कथा में थीं जिसमें मुख्य किरदारों (भगवान राम, देवी सीता और रावण) के जन्म से लेकर देवी सीता के हरण से उनकी मृत्यु तक की कहानी है।
लेखक अमीष ने एक बयान में कहा, इसलिए ये तीनों किताबें एक ही जगह खत्म होती हैं जहां रावण ने मिथिला की राजकुमारी का हरण किया था। चौथी किताब वार आफ लंका वस्तुत: सीता हरण से लेकर रावण की मृत्यु तक की कहानी कहती है। अमीष ने कहा कि पहली तीन किताबों में छोड़े गए सूत्रों और रहस्यों का इस किताब में खुलासा होगा।
अमीश की तस्वीर- हार्परकोलिंस इंडिया से साभार