अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। बच्चों और उनके माता-पिता के लिए यह अच्छी खबर है। अगले शैक्षणिक वर्ष से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों में बाल वाटिका से पढ़ाई शुरू की जाएगी। बच्चों के समग्र विकास के लिए बुनियादी शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए पिछले दिनों देश के शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह जानकारी दी।
शिक्षा मंत्री ने 50 केंद्रीय विद्यालयों में पायलट परियोजना के आधार पर ‘बाल वाटिका-1’ की शुरुआत करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, फिलहाल हर राज्य में कुल 50 केंद्रीय विद्यालयों में पायलट प्रारूप में बाल वाटिका की शुरूआत की जा रही है। अगले सत्र से सीबीएसई से जुड़े सभी स्कूलों में बाल वाटिका शुरू की जाएगी। राज्य सरकारों के साथ चर्चा कर उनके स्कूलों में बाल वाटिका की शुरुआत होगी।
प्रधान ने कहा कि अगले तीन-चार साल में देश के सभी स्कूलों में बाल वाटिका शुरू करने का प्रयास होगा। यह सरकारी स्कूलों में प्ले स्कूल होगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि जल्द से जल्द तीन वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चे औपचारिक शिक्षा के दायरे में आ जाएं।
उत्तराखंड सरकार ने राज्य के करीब चार हजार स्कूलों में बाल वाटिका की शुरूआत की है। बाल वाटिका में खेल-खेल में पढ़ाने पर ध्यान दिया गया है। इसका उद्देश्य भाषा साक्षरता, गणितीय सोच और पर्यावरण जागरूकता से संबंधित मूलभूत दक्षता को विकसित करने के लिए बच्चों तक समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच बनाना है।
बाल वाटिका का उद्देश्य बच्चों के मन से पढ़ाई का डर निकालते हुए उन्हें रोचक तरीके से शिक्षा से जोड़ना तथा उनकी मानसिक तथा बौद्धिक क्षमता का आकलन करते हुए शिक्षकों को शिक्षा प्रदान करना है। (मीडिया में आई खबरों के आधार पर पुर्प्रस्तुति)