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अपराध और दुर्व्यवहार की कहानी : बॉयज डोंट क्राई

फोटो : साभार गूगल

मेघना पंत का कहना है कि यह एक सच्ची कहानी है। यह एक नियम पुस्तिका है जो दिल और दिमाग के मामलों पर लड़कियों का मार्गदर्शन भी करती है। यह एक आधुनिक भारतीय विवाह के बंद दरवाजों की भी झलक है…।  यह कहानी मेनका पटौदी के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे उसके पूर्व पति की हत्या के मुख्य संदिग्ध के रूप में गिरफ्तार किया जाता है। मेघना की यह पुस्तक वैवाहिक दुर्व्यवहार और उपेक्षा की एक डरावनी कहानी सामने रखती है।

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली, तेरह जनवरी। बंद दरवाजे के पीछे की चीख कौन सुनता है। अगर वह नवविवाहिता का कमरा हो, तो घर के लोग भी कानों में रुई डाल लेते हैं। लेखिका मेघना पंत की नई किताब ‘बॉयज डोंट क्राई’ आई है जो पाठकों को आधुनिक भारतीय विवाह के बंद दरवाजों के पीछे ले जाती है। इसे पढ़ना निसंदेह दिलचस्प होगा और हम उन सामाजिक-मनोवैज्ञानिक कारणों को समझ सकेंगे।  

मेघना की किताब ‘बॉयज डोंट क्राई’ एक सच्ची कहानी पर आधारित है। पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक 17 जनवरी को आ रही है। अलग तरह के रोमांच से भरी यह किताब अपराध और दुर्व्यवहार की एक जबर्दस्त कहानी है। यह पाठकों को सिहरा देगी। मेघना इससे पहले हैप्पी बर्थडे, वन एंड हाफ वाइफ, द ट्रबल विथ वूमन और फेमनिस्ट रानी लिख चुकी हैं। ये काफी चर्चा में रहे। मेगना पत्रकार होने के साथ एक कुशल वक्त भी हैं।

मेघना पंत का कहना है कि यह एक सच्ची कहानी है। यह एक नियम पुस्तिका है जो दिल और दिमाग के मामलों पर लड़कियों का मार्गदर्शन भी करती है। यह एक आधुनिक भारतीय विवाह के बंद दरवाजों की भी झलक है…। जबकि प्रकाशकों के मुताबिक, यह कहानी मेनका पटौदी के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे उसके पूर्व पति की हत्या के मुख्य संदिग्ध के रूप में गिरफ्तार किया जाता है। मेघना की यह पुस्तक वैवाहिक दुर्व्यवहार और उपेक्षा की एक डरावनी कहानी सामने रखती है। इस वैवाहिक दुर्व्यवहार में पति की ओर से किया जाने वाला यौन दुर्व्यवहार भी शामिल शामिल है।

इस पुस्तक आने क्रम में संयोग से इसी दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय में एक ऐसा ही मामला आया। जिसमें अदालत को यह कहना पड़ा है कि विवाहिता हो या नहीं, हर महिला को असहमति से बनाए जाने वाले यौन संबंध को ना कहने का अधिकार है। उच्च न्यायालय ने बीते दिनों कहा कि विवाहित और अविवाहित महिलाओं के सम्मान में अंतर नहीं किया जा सकता। महत्वपूर्ण बात यह है कि एक महिला, महिला ही होती है और उसे किसी संबंध में अलग तरीके से नहीं तौला जा सकता। (स्रोत : एजंसी)

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