मनस्वी अपर्णा II हम जब भी इतिहास पर नजर डालते हैं तो पाते हैं कि इतिहास का एक बड़ा हिस्सा युद्ध के...
अभिप्रेरक (मोटिवेशनल)
लीक से हट कर खींचिए एक बड़ी लकीर
अश्रुतपूर्वा II युवाओं की सोच कितनी बदल गई है। ज्यादातर युवा अब कारपोरेट की नौकरी कर खूब कमाना...
मुझमे मेरा कितना?
लिली मित्रा II मुझमें मेरा कितना है? ऐसा लगता है पूरा अस्तित्व कांच की एक गेंद सा है यदि पटक कर...
चिट्ठिया हो तो हर कोई बांचे
राधिका त्रिपाठी II जीवन में कुछ चीजें समय पर जरूर करनी चाहिए। हर वह काम कर लेना चाहिए जिसका मलाल...
साथी अगर सच्चा है तो वह उबार ही लेगा
राधिका त्रिपाठी II सब कुछ क्षणिक है। उतना ही क्षणिक जितना पलकों का झपकना, सांसों का रुकना, आंसुओं...
सेवानिवृत्ति जीवन का अंत नहीं, यह शुरुआत है अगले डगर की
वेद ऋचा II एक निश्चित, बंधी-बंधाई दिनचर्या का अंत और भविष्य की अनिश्चितकालीन लंबी छुट्टियां। सुनने...
बोलिए ऐसे ‘प्रेम’ को अलविदा…!
राधिका त्रिपाठी II जो प्रेम आपको अंदर ही अंदर तोड़ रहा हो। आप उस टूटन को व्यक्त करने में असमर्थ हो...
हौसले के आगे बिखर गया केतकी का संघर्ष
अश्रुत पूर्वा II क्या आप केतली को जानते हैं? थोड़ा याद कीजिए। नहीं याद आ रही तो चलिए हम ही बताते...
जो बिछड़ जाते हैं, वो हजारों के आने से मिलते नहीं
राधिका त्रिपाठी II बांटना चाहिए था गम उनका भीहम उनसे ही गैर बन बैठे …!करतूतें उनकी भी कुछ ऐसी...
संकट में भरोसा रखिए अपने आप पर
मनस्वी अपर्णा II एक प्रेरक कथा हम सदा से सुनते आए हैं कि आंधी जब भी आती है तो तने हुए पेड़ उखड़...
निर्विचार होकर सुनना सीखा?
ओशो II प्रज्ञा क्या है? प्रज्ञा का अर्थ है- सचेतनता, होश, एक जीवंत उपस्थिति, एक तात्कालिक और...
देने का जो सुख है, वह सबसे बड़ा
मनस्वी अपर्णा II मेरे अब तक के जीवन का अनुभव यह कहता है कि जब भी मैंने किसी को कुछ दिया है, चाहे वह...