विनीत मोहन_फ़िक्र सागरी II जाने ये कैसा जमाने का असर लगता हैआज इंसान को इंसान से डर लगता है। मेरी...
ग़ज़ल/हज़ल
लौट आयी जाँ
विनीत मोहन ‘फ़िक्र’ सागरी II लौट आयी जाँ मेरी, तेरी ख़बर आने के बाद,मुस्कुरायी है फ़िज़ां...
ये इक दीवार सी जो है गिरा दो आज होली है
मनस्वी अपर्णा II तुम्हारे रंग में तन-मन भिगा दो आज होली हैमुहब्बत की रिवायत है निभा दो आज होली है...
मौला तेरी तलाश की आफ़त नहीं हमें
नरेश शांडिल्य II 1 ll वाइज़ तेरे बिहिश्त की चाहत नहीं हमेंमौला तेरी तलाश की आफ़त नहीं...
… जैसे मिल जाए दवा वक्त पे मरते मरते
मनस्वी अपर्णा II नब्ज़े बीमार पे बस हाथ ही धरते धरतेतू खुदा हो गया है हां! शिफा करते करते//१//...
मक़सूद शाह की तीन हज़लें
मक़सूद शाह II रेख़्ता के अनुसार ‘हज़ल’ का अर्थ है- व्यंगात्मक काव्य, हास्य ग़ज़ल हज़ल...
तुम ज़माने की बात करते हो
चिराग़ इंडिया ।। 1 II तुम ज़माने की बात करते होदिल दुखाने की बात करते हो इश्क़ में जान देते थे मुझ...
योगिता ‘ज़ीनत’ की तीन ग़ज़लें
योगिता शर्मा ‘ज़ीनत’ II (1) दिल से कैसा है राब्ता तेरामुझपे तारी है बस नशा ...
तेरी ख़ामोशियां
चिराग इंडिया II तेरी ख़ामोशियां दिलबर मेरा दिल तोड़ देती हैंतेरी जानिब बढ़े क़दमों को अक्सर मोड़...
जुदा हो जाएं हम क्यूं तल्खियों को तूल दें
मनस्वी अपर्णा II (एक)२१२२ २१२२ २१२२ २१२हौसलों का क्या करेंगे जब सलामत सर नहींकैसे ले परवाज़ वो पंछी...
फटी हुई सबकी जाजम है
डॉ. अतुल चतुर्वेदी II भीगी यादों का मौसम है,बस्ती में पसरा मातम है। मजबूरी है तुम कहते हो,उनका तो...
मनस्वी अपर्णा की ताजा गज़लें
मनस्वी अपर्णा II १२१२ ११२२ १२१२ ११२/२२ये सिलसिला भी कहां बार बार होता...